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लेखनी कहानी -19-Jul-2022

जैसे रात उतरती जल में

मेरे मन मे उतरा वो
कितनी बार मुझसे मिलने को
मुझसे होकर गुजरा वो।

मैं मुस्काया वो मुस्काया
मैं रूठा वो फिर मुस्काया
ऐसा जालिम आशिक कैसे
मेरे दिल में उतरा वो।

आंखों के बाहर भी वो
और मन के भीतर भी है वो
जितना चेहरा अपना धोऊं
उतना ज्यादा निखरा वो।

यूं तो मुझसे दूर बहुत है
फिर भी सबसे ज्यादा अपना
जाने कैसा रिश्ता उससे
मैं टूटा तो बिखरा वो



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16 Comments

Seema Priyadarshini sahay

20-Jul-2022 06:27 PM

बहुत खूबसूरत

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Anshumandwivedi426

20-Jul-2022 09:41 PM

सहृदय धन्यवाद

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Zakirhusain Abbas Chougule

20-Jul-2022 02:01 PM

Nice

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Anshumandwivedi426

20-Jul-2022 09:41 PM

Thanks

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Raziya bano

20-Jul-2022 08:52 AM

Bahut khub

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Anshumandwivedi426

20-Jul-2022 10:10 AM

Thanks again

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